बोहल शोध मंजूषा जर्नल में प्रकाशन हेतु शोध पत्र भेजने वाले लेखकों के लिए आवश्यक निर्देश:-
बोहल शोध मंजूषा शोध जर्नल का प्रकाशन गुगनराम एजुकेशनल एण्ड सोशल वैलफेयर सोसायटी रजि. द्वारा किया जाता है। जिसका उद्देश्य शिक्षा, साहित्य, विधि, शारीरिक शिक्षा, प्रौद्योगिकी, वाणिज्य आदि क्षेत्रों में हो रहे शोध कार्यों का प्रकाशन जन-जन तक पहुंचाना है। शोध पत्रिका में प्रकाशन के लिए आलेख भेजने वाले शोधार्थियों, प्राध्यापकों को निम्नलिखित नियमों का पालन करना होगा:-
1. लेखक अपना शोध पत्र प्रकाशन के लिए भेजने से पहले अच्छे से जांच-पड़ताल अवश्य कर ले।
2. लेखकों से अपेक्षा की जाती है कि उन द्वारा प्रेषित शोध पत्र इससे पूर्व किसी अन्य शोध पत्रिका/जर्नल में प्रकाशित नहीं हुआ हो तथा किसी अन्य जर्नल में प्रकाशन की स्वीकृति भी न मिली हो, इस बात का ध्यान रखें।
3. जर्नल को प्रकाशन हेतु भेजा गया शोध पत्र Open Office, Page Maker, Microsoft Word, फाइल फोर्मेट में होना चाहिए। पीडीएफ कॉपी भी साथ संलग्न करें। शोध आलेख में जहां आवश्यक हो वहां सन्दर्भ दिए जाएं।
4. समस्त शोधार्थियों/प्राध्यापकों/शोध निर्देशकों को यह सलाह दी जाती है कि वे अपना शोध पत्र प्रेषित करने से पहले बोहल शोध मंजूषा जर्नल के दिशा-निर्देशों को ध्यान से पढ़कर व उसके अनुरूप ही हमें शोध पत्र प्रेषित करें।
5. सभी शोधार्थी/प्राध्यापक/शोध निर्देशक अपना-अपना शोध पत्र बोहल शोध मंजूषा जर्नल के फोर्मेट में भेजें तथा शोध पत्र प्लेगरिस्म रहित, मौलिक, नवीनता सहित और अप्रकाशित होना चाहिए।
6. सभी शोधार्थी/प्राध्यापक/शोध निर्देशक पीयर रिव्यू प्रोसेस और प्रकाशन नीति को देखें और अपना-अपना शोध पत्र A4 आकार के पृष्ठ पर टाईप करवाकर भेजें।
7. बोहल शोध मंजूषा जर्नल में शोध पत्रों को हिंदी, अंग्रेजी और भारतीय भाषाओं में स्वीकार किया जाता है। अंग्रेजी भाषा के लिए Arial, Times Roman, Mangal, Kruti Dev 10 फॉण्ट का उपयोग करें।
8. शोध पत्र में अंको के लिए अंग्रेजी अथवा रोमन अंकों का उपयोग करें तथा शोध पत्र अधिकतम 4 से 6 पृष्ठों का होना चाहिए। शोध पत्र आप अपनी ही ईमेल आई.डी. से भेजें क्योंकि हमें जिस मेल से शोध आलेख प्राप्त होता है हम उसी पर रिप्लाई करते हैं।
9. शोध पत्र के साथ ही शोधार्थी/प्राध्यापक/शोध निर्देशक को कॉपी राईट फॉर्म भरकर अपने मूल/असल हस्ताक्षर (इंक पेन) के साथ स्कैन कर mail : grsbohal@gmail.com पर भेजना अनिवार्य है, इसके अभाव में आपको प्रकाशन के बाद जर्नल पोस्ट से नहीं भेजा जाएगा।
10. बोहल शोध मंजूषा जर्नल में शोध प्रत्र प्रकाशन की स्वीकृति के बाद कॉपी राईट फॉर्म और निर्धारित प्रकाशन सहयोग शुल्क (Open Access Publication fee) भेजना अनिवार्य है। इसके अभाव में शोध आलेख प्रकाशित करने में हमारी संस्था असमर्थ होगी।
11. शोधार्थी/प्राध्यापक/शोध निर्देशक शोध आलेख मेल करने से पहले अपने शोध पत्र को निम्नलिखित दिए गए निर्देशों के अनुसार जांच-परख लें।
(A) शीर्षक, 14 point (Normal)
(B) शोध पत्र में लेखक/शोधार्थी/प्राध्यापक/शोध निर्देशक का नाम उपनाम, सह-लेखक का नाम उपनाम, मोबाईल नम्बर, ईमेल आईडी अवश्य लिखें। (13 point)
(C) कॉलेज/शोध केन्द्र/विश्वविद्यालय का नाम व पता (13 point)
(D) गांव, शहर, प्रदेश, देश (13 point)
(E) शोध संक्षेप (11 point)
(F) मुख्य शब्द (8-10 point Normal)
(G) प्रस्तावना/परिचय (11 point Normal)
(H) विषय वस्तु (10 point Normal)
(I) चित्र, ग्राफ और सारिणी
बोहल शोध मंजूषा को प्रकाशन हेतु भेजे गए शोध पत्र में चित्र, ग्राफ और सारिणी को पृष्ठ के लिए दी गयी मार्जिन में टेक्स्ट के साथ ही दिया जाए। चित्र के नीचे कैप्शन दिया जाए और उसे Fig- 1 लिखा जाये। वैसे ही टेबल के नीचे कैप्शन देकर उसे Table- 1 लिखा जाये। चित्र को बार्डर नही दी जाये। हिंदी में दिए जाने वाले ग्राफ को ओपन फोर्मेट में दिया जाये, जिससे उसके फॉण्ट बदलने में सहूलियत हो सके।
(J) निष्कर्ष, आभार एवं परिशिष्ट (11 Point, Normal)
शोध पत्र के अंत में निष्कर्ष अवश्य दिया जाये। इसमें लाभ-हानि, गुण-दोष और शोध पत्र के मुख्य भाग का पुनरावलोकन प्रस्तुत किया जाये। शोध पत्र का निष्कर्ष 200 से 250 शब्दों में होना चाहिए। निष्कर्ष के बाद अगर आवश्यक हो तो परिशिष्ट दिया जाए। (10 Point Normal)
(K) सन्दर्भ ग्रन्थ (References 11 Point Normal)
शोधार्थी/प्राध्यापक/शोध निर्देशक अपने-अपने शोध पत्र में सन्दर्भ केवल वहीं लिखें जिनका उल्लेख शोध पत्र में दिया गया है, अन्य का नहीं। (9 Point Normal)
पुस्तक (Book)
डॉ. रेखा सोनी, शिक्षा में अनुसंधान, (प्रथम संस्करण) 2018, गिना प्रकाशन, भिवानी (हरियाणा), (9 Point Normal)
शोध पत्रिका से (Journal Article, One author)
(डॉ.) नरेश सिहाग एडवोकेट (2020), बोहल शोध मंजूषा, पृ. 11-12-13
शोध पत्रिका के एक से अधिक लेखकों का सन्दर्भ:
(डॉ.) नरेश सिहाग एडवोकेट और नरेन्द्र सोनी, ‘हिन्दी पत्रकारिता को पं. चन्द्रभानु आर्य का योगदान, पत्रकारिता अंक (बोहल शोध मंजूषा, 2020), पृ. 22-23
ऑनलाइन पत्रिकाएं:
बोहल शोध मंजूषा,www.bohalsm.blogspot.com
एनसाइक्लोपीडिया अथवा शब्द-कोश
श्री
अप्रकाशित शोध प्रबंध से
नरेश कुमार सिहाग, राधेमोहन राय के उपन्यासों का सामाजिक एवं भाषिक मूल्यांकन अप्रकाशित, शोध प्रबंध (दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा पुस्तकालय, 2018), पृ. 222
शोध पत्र की पंक्तियों की बीच का अंतर/स्पेस (Line Spacing for Body Text) 1.15
बोहल शोध मंजूषा जर्नल में प्रकाशित सभी शोध पत्रों में लिखे गए विचार लेखकों के अपने हैं. इससे जर्नल के संपादक-मंडल का सहमत होना अनिवार्य/आवश्यक नहीं है।
सभी विवादों का न्यायक्षेत्र भिवानी (हरियाणा) रहेगा।