नशा मुक्त हो देश
नशा ,शराब, ड्रग, सेवन छोड़ो, होता सत्यानाश ।
बीड़ी ,सिगरेट, तंबाकू करे स्वास्थ्य का नाश।
गांजा, चरस ,भांग ,ड्रग्स, शराब सेवन करे समाज का नाश।
नशेड़ी नशा करके करता अपराध, परिवार, समाज, देश झेले संत्रास।
विदेशी शत्रु भेजते नशा सामग्री अफीम, स्मेंक, कोकीन, इससे सुख शांति का हो रहा नाश।
तस्करों पर हो कड़ी पाबंदी, कानून करें इनका सत्यानाश।
स्वदेशी भी बेचें नशा सामग्री तो सजा देकर , करो उनका विनाश ।
शराबबंदी सरकार लागू करें, राजस्व लाभ की छोड़े आश।
नारकोटिक्स विभाग से प्राप्त राजस्व कर से, कई गुना रुक रहा है देश का विकास।
नशा करके होते अपराध, अपराधी कर रहा समाज का सत्यानाश।
नशा मुक्त हो भारत देश,, चलावो अभियान, रुके बिनाश।
नशे का जहर कर रहा है कहर, इंसानियत का हो रहा नाश।
नशेड़ी के संग परिवार दुःख में डूबता, नशेड़ी का होता जीवन नाश।
आर्थिक संकट ,अपमान, बीमारी के बादल छाते, करते सब कुछ नाश।
नशा मुक्ति केंद्र का उपयोग हो, छोड़े नशा उपभोग, मानव जीवन है खास।
कोकीन, स्मेंक, हुक्का, गुटका करते फेफड़ों का नाश।
केंसर और बड़ी बीमारियां लेती प्राण, धन-जन जीवन का होता नाश।
बड़ों को देखकर, परिवार के बच्चे भी बनते नशेड़ी ,होता सत्यानाश ।
संकल्प करो नशा मुक्त हो अपना देश, अभियान चलाएं खास।
नशा विरोध में जन-जन में पैदा हो विश्वास, मिटें नशे से उपजा संत्रास ।
रचयिता
डॉ शशिकला अवस्थी इंदौर मध्य प्रदेश