उम्मीद की नाव
जिंदगी को बहाए लिए
जा रही समय की धारा।
इसके तेज बहाव में बहते
हुए शायद ही मिले किनारा।।
कभी तो बहा ले जाती,
सुख रूपी आनंद की लहरें ।
कभी दुख की लहरों संग,
निराशा में उतर जाते गहरें।।
इन लहरों पर तैरती हुई,
उम्मीद की नाव एकमात्र सहारा।
जो जगाती हैं मन में विश्वास,
कि पा ही जाएंगे हम किनारा।।
इस नाव का आधार ईश्वर नाम,
जिसके संग होती श्वांस की पतवार।
उम्मीद की नाव जीवन का प्रतीक,
इससे ही चलता सकल संसार।।
*डॉ.अनिल शर्मा ‘अनिल’
धामपुर, उत्तर प्रदेश