आदरणीय सिस्टर जी-नीतू बाला

आदरणीय सिस्टर जी
मैने देखा है पहली बार,
एक प्रिंसीपल में सिस्टर (बहन) का प्यार ।
एक मंदिर (स्कूल) को विद्या का रूप दिया,
जहां बाकी सबने भी अपना रूप लिया।
वहा मुझे भी एक पहचान मिली,
अनजानी सी जगह पर वो राह मिली ।
सब कहते उन्हें सिस्टर जी हैं,
इसलिए मुझे लगते भी वो सिस्टर ही हैं
वो बहुत भावुक पर स्ट्रॉन्ग हैं,
ठीक जैसे एक नारियल का फ्रूट हैं ।
हर दिन रहते वो बेहद मशरूफ हैं,
उनकी आंखों को पढ़ा था एक दिन ।
उनके अंदर भी दर्द है, एहसास है,
जीती जागती जिंदगी की आस हैं ।
सबको लगता उनका गर्म मिजाज़ हैं,
पर यह उनका हमारे लिए प्यार हैं।
अरे ! वो भी तो आखिरकार एक इंसान हैं,
सेंट जोसेफ कॉन्वेंट पंजाबी हाई स्कूल की पहचान है।
पिछले सात सालों से इसको संभाला है,
आई गई बहुत सी कठिनाई है,
परन्तु फिर भी आपने यह इमारत चलाई हैं ।
बच्चों से करते बड़ा ही प्यार हैं,
बाहर से सख्त और अंदर से नर्म हैं ।
परन्तु पढ़ाई को लेकर मिजाज़ थोड़ा गर्म हैं,
हमे इतने अच्छे प्रिंसिपल मिले यह हमारे कर्म हैं ।
सिस्टर जी आपकी डांट बड़ी अनमोल हैं,
क्योंकि डांट ही तो जिंदगी के सबक का मोल हैं।
उनकी डांट से मैने बहुत कुछ सीखा हैं,
जो जिंदगी जीने का सलीका है,
वो आपसे ही सीखा हैं ।
हम आपको हमेशा अपने दिल में रखेंगे,
वो डांट, वो प्यार वो सिस्टर जी आपकी प्रेयर को,
मै कभी भी नही भूलूंगी सिस्टर जी आपकी केयर को
सिस्टर जी आपकी प्रेयर को और आपकी केयर को

नीतू बाला
बठिंडा( पंजाब)-151001
हिन्दी अध्यापिका

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