सरकार करदो एक कोर्स स्टार्ट -रचना कसाना

सरकार करदो एक कोर्स स्टार्ट ।

पत्नी की सुनलो अरदास
सरकार करदो एक कोर्स स्टार्ट
जिसमे हो वो सारी बात
जिससे बने पति महान
बीवी का रहे खुश मिजाज़

कम से कम तीन महीनो का हो कोर्स स्वीकार्य
जिससे करना हो हर इंसान के लिए अनिवार्य
शादी उसकी होगी जिसने किया होगा कोर्स पास
हो उसमे खाना बनाने की व्याकरण का ज्ञान
प्यार की वर्णमाला से हो पाठ्यक्रम तैयार

ऐसा हो पाठ्यकर्म जिससे पति का जाग जाए रोमांस।
कोतुहल की मांद से भागा चला आए वो इंसान।
कोर्स के अंत में हो इम्तिहान
तभी मिले सर्टिफिकेट जब वो करे इम्तिहान पास।

अगर बनना हैं आदर्शवादी कपल
तो सुनलो पति ,जब बीवी बुलाए तो भागे चले आओ बिना चप्पल।
काश ,अगर की न हों गुंजाइश
ऐसी करो तुम अजमाइश
जिससे बीवी रहे हमेशा खुश।
और तुम रहो विचारो से और तन से तंदुरुस्त ।

बहुत हुई हंसी ठिठोली
करू मैं अब गंभीर बात।
ऐसा हो पाठ्यक्रम तैयार
जिसमे दहेज और कन्याभ्रूण हत्या को भी करे वो इनकार।
करे नारी का मान सम्मान ऐसा हो कोर्स तैयार।
मैने कही पते की बात
अब तो सनलो अर्जी मेरी सरकार।
करदो एक कोर्स स्टार्ट ।

मेरी अर्जी और तुम्हारी मर्जी से हो ये कोर्स स्टार्ट ।
ऐसा पाठ्यक्रम हो तैयार जिससे बढ़े पति पत्नी में प्यार।
पहले अध्याय में हो कैसे कम करे आपसी अपने एक दूजे के वार
दूजे अध्याय में हो कैसे करे घर के सारे काम
इससे होगा पति का पत्नी के आगे नाम ।

ऐसा हो पाठ्यक्रम तैयार जिससे न हो तलाक़।
तीसरे अध्याय में हो इसका ज्ञान
घर में रहे सब खुशहाल,
बच्चो को मिले सबका प्यार
हो हर परिवार संयुंक्त परिवार।
ना हो मन में अहम और क्रोध के लिए स्थान,
थोड़ा पति झुके थोड़ी झुके पत्नी
बस ऐसा हो छोटा सा संसार।

रचना कसाना
सहायक अध्यापक/
विभागाध्यक्ष
जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग।
डीएवी शताब्दी कॉलेज
फरीदाबाद।

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