चाय भारतीय संस्कृति का हिस्सा बन गयी है ।
दिन की शुरुआत से लेकर मेहमान की आवभगत चाय से होती है ।
चाय
चाय रिश्ते बनाती है ।
हां, चाय रिश्ते बनाती है ।
कड़कड़ाती सर्दी में,
चाय गर्मी का एहसास दिलाती है ।
ठंड से थोड़ा निजात दिलाती है ।
हां, चाय रिश्ते बनाती है ।
गर्मी में थोड़ा सुकून,
चाय ही दिलवाती है ।
पसीने से लथपथ होकर ।
गर्मी से लड़ने का हौसला दिलाती है ।
हां, चाय रिश्ते बनाती है ।
आवभगत में,
चाय मेहमानदारी निभाती है ।
अपनो को जी भरकर,
चुस्कियों में स्वाद चखाती है ।
हां, चाय रिश्ते बनाती है ।
बिना चाय की पूछे,
रिश्ते पर प्रश्नचिन्ह लगाती है ।
बरसो की यारी,
चाय की चुस्की पर,
बहुत भारी बन जाती है ।
हां, चाय रिश्ते बनाती है ।
जब भी कही,
चाय की आवाज़ आये,
हां में सर को हिलाए,
अपनी क्षमता के अनुसार,
चाय की चुस्की का भोग लगाएं ।
यही चाय सबको,
मीठी मीठी यादे दे जाती है ।
चाय रिश्ते बनाती है ।
कमलेश पाटीदार (शिक्षक)
नवेली, मो. 9754238682