लक्ष्य-डॉ. लूनेश कुमार वर्मा

लक्ष्य समय कीमती है एक एक क्षण अमूल्य है उठो, जागो, तैयार हो आओ समय की कीमत को पहचानो बीता समय कभी लौट के नहीं आता हमारा जो कुछ है, आज है कल के लिए और भी बहुत से काज Read More …

एक दृश्य : साक्षी हत्याकांड-निधि कुमारी सिंह

एक दृश्य : साक्षी हत्याकांड दिल्ली महानगर की एक घटना का है यह दृश्य दूसरे धर्म का होकर भी हिंदू सा था क्यों उसका भेष ? हाथ में वह बाँध कलावा धारण किया था रुद्राक्ष की माला प्रेमी के रूप Read More …

उम्मीद की नाव-डॉ.अनिल शर्मा ‘अनिल

उम्मीद की नाव जिंदगी को बहाए लिए जा रही समय की धारा। इसके तेज बहाव में बहते हुए शायद ही मिले किनारा।। कभी तो बहा ले जाती, सुख रूपी आनंद की लहरें । कभी दुख की लहरों संग, निराशा में Read More …

चलो आज तुझें में ग़ज़ल लिखता हूँ-रघुवीर दान चारण

चलो आज तुझें में ग़ज़ल लिखता हूँ, हिचकियों में डूबा मेरा वो दिल लिखती हूं। में तो हूं एक सारन आवारा सा तुझें बरसता हुआ बादल लिखता हूँ महका हुआ है पूरा सरोवर जिससे तुझें झूमता हुआ वो कमल लिखता Read More …

चाय भारतीय संस्कृति का हिस्सा बन गयी है-कमलेश पाटीदार

चाय भारतीय संस्कृति का हिस्सा बन गयी है । दिन की शुरुआत से लेकर मेहमान की आवभगत चाय से होती है । चाय चाय रिश्ते बनाती है । हां, चाय रिश्ते बनाती है । कड़कड़ाती सर्दी में, चाय गर्मी का Read More …

सरकार करदो एक कोर्स स्टार्ट -रचना कसाना

सरकार करदो एक कोर्स स्टार्ट । पत्नी की सुनलो अरदास सरकार करदो एक कोर्स स्टार्ट जिसमे हो वो सारी बात जिससे बने पति महान बीवी का रहे खुश मिजाज़ कम से कम तीन महीनो का हो कोर्स स्वीकार्य जिससे करना Read More …

बसता है भारत गांव में-वेद प्रकाश दिवाकर

बसता है भारत गांव में अन्न जहां उगल रही है , खेतों और खलिहानो में । सोने जैसी रंगत देखो , मेहनत के उन दानों में । मस्त मगन है हर कोई , जीवन के पैमानों में । भारत , Read More …

अध्यापकों के साथ सिस्टर जी का प्यारा रिश्ता-जसप्रीत कौर

अध्यापकों के साथ सिस्टर जी का प्यारा रिश्ता To :- Respected sister Jivan Latha ji जो हम सभी को बहुत प्यार करते सभी बच्चों को खूब दुलार करते हर काम तहजीब से एकसार करते इंसानियत से प्रेम बेशुमार करते वह Read More …

🌦 बारिश की बूंदें 💦-स्मिता शंकर

🌦 बारिश की बूंदें 💦 धरा की गोद में सुलग रही बूंदों की छाया, आकर्षित कर रही है , मनमोहक माया। बारिश की बौछार में, संगीत गूंजता है, हर इंसान गुनगुनाने पर मजबूर हो जाता है। बूंदों का खेल है Read More …

आज का युग-डेजी भुवन

आज का युग सृष्टि पहले भी थी सृष्टि आज भी है। कैसे बदला यह युग, देखकर अचंभित रह जाती हूं। इंसान इंसान को पहचानते नहीं, बदल रहा है यह आज का युग। सृष्टि पहले भी थी सृष्टि आज भी है। Read More …